finance meaning in hindi/फाइनैन्स क्या होता है ?

finance meaning in hindi

finance meaning in hindi/फाइनैन्स क्या होता है ? :- फाइनैन्स हम आज के टाइम में बहुत ज्यादा लोगों से या न्यूज में सुनते हैं , तो इस ब्लॉग (solvefinancewithca) के माध्यम से मैं आपको Finance के बारे में बहुत ही साधारण भाषा में बताने की कोशिश करूंगा ।

हेलो दोस्तों आज हम एक ऐसे टॉपिक के ऊपर इस ब्लॉग के माध्यम से चर्चा करेंगे जो गूगल में बहुत बार लोगों द्वारा सर्च किया गया है जो “finance meaning in hindi” है । आज हम जानने की कोशिश करेंगे की आखिर finance का क्या अर्थ है ।

finance meaning in hindi

finance meaning in hindi :- दोस्तों सबसे पहले तो मैं यह बताना चाहूँगा की फाइनैन्स हम सब करते हैं । अगर एक वाक्य में मैं finance को परिभाषित करूँ तो finance एक प्रोसेस (क्रिया) है , जिसमें हम पैसा अपने पास लेकर आते है और उस पैसे को सोच समझ कर किसी ऐसी जगह पर लगाते हैं , जिससे भविष्य में हमारी वेल्थ बने । finance कहलाता है ।

फाइनैन्स को और अच्छे तरीके से समते है , जब हम अपने पैसे से कुछ वेल्थ या मुनाफा कमाने के लिए हमने किसी को उधार दे दिया ,या किसी एक बीजिनेस में लगा दिया , FD करवा ली , या कोई सामान खरीद लिया। इस तरह की प्रोसेस को हम फाइनैन्स कहते हैं ।

अब फाइनैन्स को एक उदाहरण के साथ समझने की कोशिश करते हैं ।
हमने अक्सर सुना है की लोग जब भी नयी गाढ़ी ,या बाइक लेकर आते हैं तो बोलते हैं की हमने गाड़ी को फाइनैन्स कराया । अब इसका मतलब होता है , की हमने गाड़ी को लेने के लिए किसी से पैसा उठाया और उस पैसे से गाड़ी खरीद ली जिससे गाड़ी के रूप में हमारी वेल्थ बनी ।

अब हम समझते है की फाइनैन्स कितने प्रकार का होता है ।

फाइनैन्स के प्रकार पढ़ने से पहले हम यह जान लेते हैं , की फाइनैन्स कोन करते हैं ।
जिसके पास भी पैसा है , बह सभी फाइनैन्स की यह प्रक्रिया को करते हैं ।

  • फाइनैन्स के कूल 3 प्रकार है
  • पर्सनल फाइनैन्स (व्यक्तिगत फाइनैन्स )
  • कॉर्पोरेट फाइनैन्स (कंपनी /ऑर्गनीजशन फाइनैन्स )
  • पब्लिक फाइनैन्स (सरकार फाइनैन्स )

पर्सनल फाइनैन्स (व्यक्तिगत फाइनैन्स ) इन finance meaning in hindi:-

Personal finanace
Personal finanace finance meaning in hindi

पर्सनल फाइनैन्स बह फाइनैन्स कहलाता है , जो की एक व्यक्ति अपने पैसे से वेल्थ या किसी मुनाफे के लिए पैसे को कहीं इन्वेस्ट करना या किसी को ब्याज के ऊपर उधार देना और अपनी वस्तु की सुरक्षा करना इत्यादि ।
मासिक आय/सलरी में अपने परिवार के लिए बजट तैयार करना भी पर्सनल फाइनैन्स कहलाता है ।

कॉर्पोरेट फाइनैन्स (कंपनी /ऑर्गनीजशन फाइनैन्स ) :-

corporate finanace
corporate finanace

कॉर्पोरेट फाइनैन्स जैसे की हमें पढ़कर पता चल रहा है , की कॉर्पोरेट यानि (किसी का व्यवसाय ,कंपनी या कोई ऑर्गनीजशन )
कंपनी में एक फाइनैन्स टीम होती है , जिसमें financial analysts, investment bankers, and financial managers , यह सभी का काम सिर्फ अपनी कंपनी की संपत्ति/कैपिटल को बढ़ाना ही होता है , यह सारी टीम पहले तो देखती है , की कॉमपनी के पास कितना पैसा है ,फिर उसके बाद अपनी नीति बनाती है , की कहाँ इन्वेस्ट करने से हमें (कंपनी) ज्यादा मुनाफा होगा । यह सब प्रतिक्रियाएँ कॉर्पोरेट फाइनैन्स कहलाती हैं ।

इसका मतलब जब एक कंपनी अपने पैसे से कंपनी की फ्यूचर में वेल्थ बनाने के लिए जब पैसे को किसी प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट करना , या किसी दूसरी कंपनी को एक्विटी देकर पैसा उठाना , या कोई संपत्ति बनाती है। यह सारी क्रियाएँ कॉर्पोरेट फाइनैन्स कहलाती हैं ।

पब्लिक फाइनैन्स (सरकार फाइनैन्स ) :-

Public finanace
Public finanace

जैसे नाम से पता चल रहा है , पब्लिक फाइनैन्स यानि सरकार जब अपने पैसे को किसी सरकारी संपत्ति को बनाने , सरकारी योजनाओं में इन्वेस्ट करना पब्लिक फाइनैन्स (सरकार फाइनैन्स ) कहलाता है ,

इन तीनों फाइनैन्स को हम आगे और भी विस्तार से पढ़ेंगे जिससे की हमे आपको एक सही में फाइनैन्स की समझ हो सके । जिससे हम अपने घर परिवार और अपनी पर्सनल खर्चे को खुद से और एक व्हतर तरीके से खर्च कर सकें ।

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